जिंदगी से रुबरु हो रहा हू मै
जहर जान कर पी रहा हू मै
पीते पीते नीला हो गया हू मै,
दुनिया की नजरों मे जहरीला हू मै,
अक्सर चर्चा मे रहता था जहा,
उसी महफिल में बदनाम हू मै,
मिल कर बिछड गई जो खुशी,
उसकी तलाश मे हू मै,
शोर मे सुनता न कोई,
इसलिए तनहाइयों का लुत्फ
उठा रहा हू मै,
बेशक जीना चाहता हू मै,
पर जिंदगी से रुसवा हू मै।
जहर जान कर पी रहा हू मै
पीते पीते नीला हो गया हू मै,
दुनिया की नजरों मे जहरीला हू मै,
अक्सर चर्चा मे रहता था जहा,
उसी महफिल में बदनाम हू मै,
मिल कर बिछड गई जो खुशी,
उसकी तलाश मे हू मै,
शोर मे सुनता न कोई,
इसलिए तनहाइयों का लुत्फ
उठा रहा हू मै,
बेशक जीना चाहता हू मै,
पर जिंदगी से रुसवा हू मै।
No comments:
Post a Comment