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Friday, 18 November 2016

सिद्ध पीठश्री हरि दरबार

सिद्ध पीठश्री हरि दरबार

बाकेंबिहारी का द्वार

सदा रहे यहां मेरी सरकार

गुरु जी मेरे यहाँ करते निवास

चरणकमलों मे उनके सारे तीर्थधाम।


ना मांगू मै हीरे मोती

ना सूखदूख से मुझे सरोकार

वक्त से सीखी अदा

मांगो वो  जो है सदा

रिमझिम ठंडी फूहार यहां पर

सूरज का प्रकाश यहां पर

बाकें बिहारी मेरी सरकार

सिद्ध पीठश्री हरि दरबार

गुरु जी मेरे करते निवास।


कर्मविमोचन होते सारे

संकटमोचन यहां विराजे

हरि धाम यह मुक्तिधाम है

गुरु जी मेरे  जहां करते निवास।

गीता का ज्ञान यहीं पर 

सत्य सरिता बहे यही पर

शब्द का सार यही पर

हरिदासी मधुशाला यही पर

सिद्ध पीठश्री हरि दरबार।


बाकेंबिहारी का द्वार

सदा रहे यहां मेरी सरकार

गुरु जी मेरे करते निवास

चरणकमलों मे उनके सारे तीर्थ धाम

संदीप खोसला