तराना प्यार का तुने जो छेडा,
पत्थर भी तेरे गुन गा रहे है।
बारिश की रिमझिम छम छम,
पायल की झंकार लगे है।
हवाऔ की सर सर मे,
पते भी नाचने लगे।
माटी की सोधीं खुशबु,
मदहोशी बरपा रही।
शीतल तेरे प्यार की महिमा,
लहरे भी उछल उछल कर,
तुझ को छुना चाहती।
रात चाँदनी,
तारों की चादर ओड जो सोया,
तेरे ही ख्याबों मे था खोया।
कण कण मे गीत संगीत है तेरा,
जिक्र हर पल है अब तेरा।
तराना प्यार का तूने जो छेडा।
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