सडक के बीचो बीच खुन से लथपथ वो अनजान , दर्द से लथपथ कराह रहा था, शायद कोई अनजान गाडी वाला ठोकर मार कर चला गया था।कई लोग़ो की भीड आसपास लगी थी।कोइ दया जता रहा था,कोइ कल की अखबार की खबर ढ़ुंढ़ रहा था।पर रूक कर हाथ थामे ,ऐसा कोई भीड मे नजर न आया।ये सब मै इस लिए जानता हुं, क्युकि र्मै भी तो उस भीड का हिस्सा था। अगली सुब्ह ख़बर पडी,कि उस अनजान का देहांत हो गया।हाँ ,यह अलग बात है वो अनजान, अब न रहा। पर परशन छोड गया,स्थान रिक्त कर गया।
खोसला
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